Anubhab Mowar

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लेखनी प्रतियोगिता -25-Apr-2022

तू सर्दी की धूप है 

मैं गर्मी की छाँव पिया।

तू बने दिये की रौशनी, 
और मैं बन जाऊ दीया..

मैं हो जाऊ नज़्म कोई 
जो तु रहे अल्फ़ाज़ पिया

में संगीत बन जाऊ तेरा 
तु मेरा साज़ पिया।

- अनुभव मोवार '

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20 Comments

Sandhya Prakash

26-Apr-2022 10:13 PM

👍👍

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Reyaan

26-Apr-2022 04:06 PM

Very nice

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Shrishti pandey

26-Apr-2022 08:57 AM

Nice

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